श्रीभरतजीके राजा बननेकी बातपर वनको आए हुए, श्रीसुग्रीवको किष्किंधाका राजा बना देनेवाले,
श्रीविभीषणको लंकाका राजा बना देनेवाले,
श्रीहनुमानजीको भक्तोंका राजा बना देनेवाले,
श्रीतुलसीदासजीको कवियोंका राजा बना देनेवाले,
राजाओंके राजा श्रीरामकी जयजयकार करता हूँ ।
यथा भूपालचूडामणिं ।