पथिगतं रामाभिरामं भजे

१.

मुक्त-चरण वनमें विचरण कर रहे सर्वरमण श्रीरामकी शरण ग्रहण करता हूँ । 

२.

अवनीश होकर भी अवनिपर पयादे भ्रमण करनेवाले अवनिजापति श्रीरामको वंदन करता हूँ । 

यथा

पथिगतं रामाभिरामं भजे॥ 


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