मानस-टीकाएँ

यहाँ श्रीरामचरितमानस की कुछ विस्तृत टीकाओं की, दबाव देते ही खुल जाने वाली कड़ियाँ दी जाती हैं l कड़ियाँ इन दिशानिर्देशों के बाद नीचे दी गई हैं –

” यहाँ दी जा रही कड़ियों से पुस्तक प्राप्त करने के लिए आवश्यक दिशानिर्देश ” 

श्री) यहाँ दी जा रही पुस्तकों की बहुत सी कड़ियाँ डिजिटल लायब्ररी ऑफ़ इंडिया (http://www.dli.gov.in/) की है l  मगर डिजिटल लायब्ररी ऑफ़ इंडिया से पुस्तक के पृष्ठ एक एक करके प्राप्त होते हैं l

रा) तथापि http://dli-downloader.blogspot.in/2013/04/fast-dli-downloader-tool-to-download.html यहाँ उपलब्ध डाउनलोडर इन पुस्तकों को सम्पूर्ण रूप से प्राप्त करने का बहुत ही अच्छा साधन है l  

म) यह डाऊनलोडर प्राप्त (एवं सुचारू) कर के उस डाउनलोडर में ‘पुस्तक का बारकोड barcode क्रमांक’ (जो नीचे पुस्तक के नाम के साथ दिये हैं) डाल कर डिजिटल लायब्ररी ऑफ़ इंडिया से सम्पूर्ण पुस्तक प्राप्त की जा सकती है l यह डाउनलोडर न हो तो डिजिटल लायब्ररी ऑफ़ इंडिया से पुस्तक के पृष्ठ एक एक करके प्राप्त करने पड़ते हैं l

ज) इस हेतु नीचे डिजिटल लायब्ररी ऑफ़ इंडिया की केवल चुनिन्दा कड़ियाँ  दे कर फिर आगे बारकोड barcode क्रमांक सहित पुस्तक-सुची दे देना ही पर्याप्त समझा गया है l

सुचनाएँ :

इन पुस्तकों के अलावा भी वहाँ और पुस्तकें हो सकती हैं, जिन्हें ढूँढना चाहिये l यहाँ तो जो पुस्तकें हमें मिली उनको ही सूचीबद्ध किया है l 

कुछ पुस्तकों के पृष्ठों की सुस्पष्टता अपेक्षाकृत कम तो है, जिसके कारण पुस्तक पढने में कुछ कुछ कठिनाई भी होती है, तथापि थोड़े से प्रयास से पठनीय होने के कारण और खासकर विषय से प्रेम होने के कारण ऐसी पुस्तकों को मूल्यवान मानकर उन्हें भी संकलन में स्थान दिया है ताकि ऐसी ही भावना रखने वाले प्रेमी-पाठक गण इनका लाभ उठा सकें l 

य) गुगल google में ‘DLI’ लिखकर आगे पुस्तक का बारकोड barcode क्रमांक डालकर डिजिटल लायब्ररी ऑफ़ इंडिया की कडि प्राप्त होती है; हालाँकि उपरोक्त डाउनलोडर हो तो इनकी कोई आवश्यकता नहीं हैं l  

रा) उपरोक्त डाउनलोडरका प्रशिक्षण https://www.youtube.com/watch?v=aV4eJiX7rys यहाँ उपलब्ध है l

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कड़ियाँ :-

१.मानस पीयूष”

(सात खण्डों में)

(द्वारा श्री अन्जनिनंदनशरणजी प्रकाशक गीताप्रेस गोरखपुर)

(‘श्रीरामचरितमानस का विश्वकोश’ कहि जाने वाली, अनेक टीकाकारों के भावों के संकलन सहित)

http://ram-charit-manas.com/Epic-Manas-Piyush-Hindi.php

(आँठवा खंड “मानस पीयूष – परिशिष्ट” भी निकला है जो यहाँ नहीं हैं और संकलक को और कहीं भी फ़िलहाल नहीं मिला है l)

२.मानस गूढार्थ चन्द्रिका” (मराठी की सम्पूर्ण है एवं हिंदी की बहुत खोजकर भी केवल दो काण्डों की ही अब तक मिली हैं)

उनमेंसे मराठी-

(सतरा खण्डों में)

(द्वारा प.पू. स्वामी श्री प्रद्यानानंद सरस्वतीजी प्रकाशक श्रीरामचरितमानस प्रेमी मंडल, डोंबीवली)

(‘वृहत टीका एवं गूढ़ भावों का प्रकाश करने वाली’ कहि जाने वाली)

https://www.scribd.com/search-documents?query=%E0%A4%AE%E0%A4%BE%E0%A4%A8%E0%A4%B8+%E0%A4%97%E0%A5%82%E0%A4%A2%E0%A4%BE%E0%A4%B0%E0%A5%8D%E0%A4%A5

उनमेंसे हिंदी-

‘मानस गूढार्थ चन्द्रिका’ का हिंदी संस्करण भी स्वामीजीने स्वयं ही लिखा है जो गीताप्रेस, गोरखपुर से प्रकाशित हुवा है; जिसकी केवल दो काण्डों की ही कड़ियाँ अभी तक मिली हैं (पुस्तकें गीताप्रेस की पुस्तक दुकानों से लें या मंगा सकते हैं) –

किष्किन्धाकाण्ड की ‘गूढार्थ चन्द्रिका’ : हिंदी की कड़ियाँ नीचे दी जाती हैं (जिसे निःशुल्क पढ़ा ही जा सकता है, प्राप्त करने के लिए इसे उस स्थान पर देनेवाले ने मूल्य रखा है)-

सुन्दरकाण्ड की ‘गूढार्थ चन्द्रिका’ हिंदी में नीचे की कडी पर मिली है जो kruti dev 25 लिपि में है जिसे प्रयास करके पढ़ा जा सकता है-

http://gdkankani.blogspot.in/

(इसी कडी में तुलसीदासजी की जीवनी तथा ‘मानस की दिव्यता’ शीर्षक का उत्तम लेख भी है l ‘मानस की दिव्यता’ शीर्षक का यही उत्तम लेख नीचे दी कडी पर भी उपलब्ध है-

https://www.scribd.com/doc/110183268/Manas-Ki-Divyata

३.श्रीरामचरितमानस की विजया टीका

(तीन भागों में) 

(द्वारा मानसराजहंस श्री विजयानंद त्रिपाठीजी, वारणसीवाले)

(‘शास्त्रीय मर्यादा के अनुसार विषयप्रदर्शन करनेवाली असाधारण व्याख्या’ कहि जाने वाली)

विजया – टीका – भाग- १/३

(डिजिटल लायब्ररी ऑफ़ इंडिया बारकोड dli barcode 99999990026232)

http://www.new1.dli.ernet.in/scripts/FullindexDefault.htm?path1=/data8/upload/0223/514&first=1&last=1017&barcode=99999990026232

३.विजया – टीका – भाग- २/३

(डिजिटल लायब्ररी ऑफ़ इंडिया बारकोड dli barcode 99999990026233)

http://www.new1.dli.ernet.in/scripts/FullindexDefault.htm?path1=/data8/upload/0223/515&first=1&last=963&barcode=99999990026233

३.विजया – टीका – भाग- ३/३

(डिजिटल लायब्ररी ऑफ़ इंडिया बारकोड dli barcode 99999990026234)

http://www.new1.dli.ernet.in/scripts/FullindexDefault.htm?path1=/data8/upload/0223/516&first=1&last=1061&barcode=99999990026234

४.“श्रीरामचरितमानस का सिद्धांत तिलक”

(तीन भागों में)

(द्वारा श्री पं. श्रीकान्तशरणजी)

(‘विशिष्टाद्वैत सिद्धांत संवलित’ कहि जाने वाली)

सिद्धांततिलक – टीका – भाग – १/३

(डिजिटल लायब्ररी ऑफ़ इंडिया बारकोड dli barcode 99999990318959)

http://www.new.dli.ernet.in/scripts/FullindexDefault.htm?path1=/data14/upload/0009/789&first=1&last=974&barcode=99999990318959

४.सिद्धांततिलक – टीका – भाग – २/३

(डिजिटल लायब्ररी ऑफ़ इंडिया बारकोड dli barcode 99999990318958)

http://www.new.dli.ernet.in/scripts/FullindexDefault.htm?path1=/data14/upload/0009/788&first=1&last=966&barcode=99999990318958

४.सिद्धांततिलक – टीका – भाग – ३/३

(डिजिटल लायब्ररी ऑफ़ इंडिया बारकोड dli barcode 99999990318957)

http://www.new.dli.ernet.in/scripts/FullindexDefault.htm?path1=/data14/upload/0009/787&first=1&last=1053&barcode=99999990318957

५.“श्रीरामचरितमानस की विनायकी टीका”

(द्वारा श्री पं. विनायक राव जी)

(‘वाच्यार्थ-व्यंग्यार्थ-गूढार्थ पूरित, भाव रसादि सहित तथा विविध कविवरवाणी विभूषित’ कहि जाने वाली)

इसके केवल प्रथम चार कांडों की चार कड़ियाँ ही संकलक को प्राप्त हो सकी है l

विनायकी टीका – भाग – १

(डिजिटल लायब्ररी ऑफ़ इंडिया बारकोड dli barcode 1990010088563)

http://www.dli.gov.in/scripts/FullindexDefault.htm?path1=/rawdataupload/upload/0088/563&first=1&last=588&barcode=1990010088563

५.विनायकी टीका – भाग – २

(डिजिटल लायब्ररी ऑफ़ इंडिया बारकोड dli barcode 5990010125698)

http://www.dli.gov.in/scripts/FullindexDefault.htm?path1=/rawdataupload1/upload/0125/474&first=1&last=529&barcode=5990010125698

५.विनायकी टीका – भाग – ३

(डिजिटल लायब्ररी ऑफ़ इंडिया बारकोड dli barcode 5990010125697)

http://www.dli.gov.in/scripts/FullindexDefault.htm?path1=/rawdataupload1/upload/0125/473&first=1&last=146&barcode=5990010125697

५.विनायकी टीका – भाग – ४

(डिजिटल लायब्ररी ऑफ़ इंडिया बारकोड dli barcode 5990010045257)

http://www.new.dli.ernet.in/scripts/FullindexDefault.htm?path1=/data/upload/0045/262&first=1&last=100&barcode=5990010045257

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